BAPS HINDU TEMPLE IN ABU DHABI

BAPS HINDU TEMPLE IN ABU DHABI ( अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर)

मंदिर यह सुनते ही सभी को एक ही चित्र नजर आता है बड़े बड़े पथरो से बनाया गया ऊंचे शिखरों के आकार में बड़े बड़े स्तंभ पर बनाया गया एक विशाल भगवान का घर ,जिसमे अलौकिक कला कृतियां, मूर्तियां स्थापित की जाती है मगर आज हम आपको बताने वाले हैं स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े हुए BAPS संस्था द्वारा बनाए गए हुए मंदिर के बारे मे जो UAE के ABU DHABI मे निर्माण किया गया है, मगर उस सेपहले एक झलक BAPS संस्था द्वारा कितने मंदिर बनाए गए हैं और कहा?BAPS स्वामीनारायण संस्था ने दुनिया भर में 1100 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया है। इनमें से अधिकांश मंदिर भारत में हैं, लेकिन अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य देशों में भी BAPS मंदिर हैं।

यहां कुछ प्रमुख BAPS मंदिरों की सूची दी गई है:

  • (1):भारत: अक्षरधाम मंदिर दिल्ली, अक्षरधाम मंदिर गांधीनगर,अक्षरधाम मंदिर अहमदाबाद,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिरजामनगर,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर राजकोट,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर मुंबई,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिरचेन्नई,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, बेंगलुरु.
  • (2):अमेरिका: BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, न्यू जर्सी, BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, लॉस एंजिल्स,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, शिकागो,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, ह्यूस्टन,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, अटलांटा.
  • (3):यूनाइटेड किंगडम:BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, लंदन,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, ब्रैडफोर्ड,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, मैनचेस्टर,
  • (4):ऑस्ट्रेलिया:BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर ,सिडनी.BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, मेलबर्न.
  • (5):कनाडा:BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, टोरंटो,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, वैंकूवर.
  • (6):यूरोप:BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, पेरिस,BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, बार्सिलोना.
  • (7):अफ्रीका; BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, नैरोबी, BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, जोहान्सबर्ग.
  • (8):एशिया: BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, सिंगापुर, BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर, आबु धाबी.

NOTE;     यह केवल BAPS मंदिरों का एक छोटा सा नमूना है। आप BAPS वेबसाइट [https://www.baps.org/home.aspx](https://www.baps.org/home.aspx) पर जाकर दुनिया भर में BAPS मंदिरों की पूरी सूची देख सकते हैं।आज हम आपको बताने जा रहे हैं आबु धाबी मे बनाया गया BAPS संस्था द्वारा निर्मित श्री स्वामीनारायण मंदिर के बारे मे.

यह मंदिर आबु धाबी में कहा स्थित हैं?

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी का स्थान:BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में स्थित है। यह मंदिर मुसाफाह नामक क्षेत्र में शेख जायद रोडके पास स्थित है।आप Google Maps पर “BAPS Swaminarayan Mandir Abu Dhabi” खोज कर भी मंदिर का स्थान ढूंढ सकते हैं।

यहाँ मंदिर तक पहुँचने के कुछ तरीके दिए गए हैं:

कार:मंदिर तक कार से पहुँचने में लगभग 20 मिनट लगते हैं। मंदिर में मुफ्त पार्किंग उपलब्ध है।टैक्सी:आप मंदिर तक टैक्सी भी ले सकते हैं। टैक्सी का किराया लगभग AED 20-30 होगा।बस:आप मंदिर तक बस से भी पहुँच सकते हैं। बस नंबर 102 और 103 मंदिर के पास रुकती हैं।

यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी सभी के लिए खुला है।यह मंदिर ,धार्मिक, सामाजिक और पर्यटनके दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.मंदिर का समय:सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक:वेबसाइट:(https://www.baps.org/Global-Network/MiddleEast/AbuDhabi.aspx)

BAPS संस्था द्वारा स्वामीनारायण मंदिर आबु धाबी में निर्माण करने का उद्देश्य क्या है ?

BAPS संस्था द्वारा स्वामीनारायण मंदिर आबु धाबी में निर्माण करने का उद्देश्य अनेक हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • (1):धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र:
  • (2): यह मंदिर UAE में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन जाएगा।(3):यह मंदिर लोगों को प्रार्थना, भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।(4):यह मंदिर हिंदू धर्म के मूल्यों और संस्कृति को UAE में स्थापित करने में मदद करेगा।

समुदायिक केंद्र:

यह मंदिर UAE में रहने वाले भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण सामुदायिक केंद्र बन जाएगा। यह मंदिर लोगों को एक दूसरे से जुड़ने, सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने और अपनी संस्कृति को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा।यह मंदिर युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद करेगा।सद्भाव और शांति का प्रतीक:यह मंदिर विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच सद्भाव और शांति का प्रतीक बन जाएगा। यह मंदिर लोगों को एक दूसरे के प्रति सम्मान और समझदारी विकसित करने में मदद करेगा।यह मंदिर UAE में बहु-सांस्कृतिक समाज को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह मंदिर BAPS संस्था के वैश्विक विस्तार का प्रतीक बन जाएगा। यह मंदिर BAPS संस्था के धार्मिक और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।यह मंदिर BAPS संस्था के संदेश को दुनिया भर में फैलाने में मदद करेगा।यह मंदिर BAPS संस्था और UAE सरकार के बीच सहयोग का प्रतीक भी है। यह मंदिर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।

मुख्य विशेषताएं:

  • पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर: UAE में यह पहला मंदिर है जो पूरी तरह से हिंदू वास्तुकला शैली में बनाया गया है।
  • विशालता: यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर और UAE में सबसे बड़ा पवित्र स्थल है।
  • अद्भुत कलाकृति:मंदिर में हाथी दांत, लकड़ी, पत्थर और संगमरमर की अद्भुत कलाकृतियां हैं।धार्मिक महत्व:मंदिर भगवान स्वामीनारायण और उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारियों को समर्पित है।
  • सांस्कृतिक केंद्र: मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों का भी केंद्र है। और यह मंदिर सभी के खुला है इस मंदिर मे किसी भी धर्म, जाति के लोग आ सकते हैं.
  • आकर्षण:मुख्य मंदिर:यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण और उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारियों को समर्पित है
  • संग्रहालय:मंदिर में एक संग्रहालय है जो हिंदू धर्म के इतिहास और दर्शन को दर्शाता है।
  • सांस्कृतिक केंद्र: मंदिर में एक सांस्कृतिक केंद्र है जहाँ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • आर्ट गैलरी:मंदिर में एक आर्ट गैलरी है जहाँ हिंदू कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाता है।
  • बगीचा: मंदिर में एक सुंदर बगीचा है जो शांति और ध्यान के लिए एक आदर्श स्थान है।
  • दर्शनाचार:दर्शनों का समय: मंदिर सुबह 7:30 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
  • पहनावा:मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों को धोती और कुर्ता पहनना होगा और महिलाओं को साड़ी या सलवार कमीज पहनना होगा।व्यवहार: मंदिर में शांति और पवित्रता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

 NOTE:अधिक जानकारी:

Website:[https://www.baps.org/Global-Network/MiddleEast/AbuDhabi.aspx](https://www.baps.org/Global-Network/MiddleEast/AbuDhabi.aspx)फोन नंबर:+971 2 555 1111 मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है।मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन कुछ प्रतिबंध लागू हो सकते हैं।मंदिर में भोजन और पेय की अनुमति नहीं है।BAPS मंदिर UAE, हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह UAE में रहने वाले हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यह पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय आकर्षण है।

BAPS मंदिर UAE के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • निर्माण:मंदिर का निर्माण 2014 में शुरू हुआ और 2022 में पूरा हुआ।लागत:मंदिर के निर्माण में लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1440 करोड़ रुपये) की लागत आई।
  • सामग्री:मंदिर का निर्माण 300,000 हाथी दांत की टाइलों, 9,000 घन मीटर संगमरमर और 2,500 टन स्टील का उपयोग करके किया गया था।कलाकृति: मंदिर में 2,000 से अधिक मूर्तियों और 10,000 से अधिक चित्रों को दर्शाया गया है।
  • संग्रहालय:मंदिर में एक संग्रहालय है जो हिंदू धर्म और BAPS संस्था के इतिहास को दर्शाता है।पुरस्कार:मंदिर को 2022 में “वर्ल्ड आर्किटेक्चर फेस्टिवल” में “धार्मिक इमारतों” श्रेणी में पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।यहभी ध्यान रखें:BAPS मंदिर UAE, UAE में एकमात्र हिंदू मंदिर नहीं है। दुबई में भी कई हिंदू मंदिर हैं।BAPS मंदिर UAE, BAPS संस्था द्वारा संचालित कई मंदिरों में से एक है। BAPS संस्था दुनिया भर में कई हिंदू मंदिरों का संचालन करती है।

BAPS मंदिर UAE के निर्माण में कई तरह की दिक्कतें आई थीं, जिनमें से कुछ प्रमुख दिक्कतें निम्नलिखित हैं:

  • 1. जलवायु: UAE में बहुत गर्म और शुष्क जलवायु है, जो मंदिर निर्माण के लिए अनुकूल नहीं है। इस जलवायु में निर्माण सामग्री को नुकसान होने का खतरा होता है।
  • 2. सामग्री:मंदिर के निर्माण में उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री को UAE में आयात करना पड़ा, जिसके कारण लागत में वृद्धि हुई और निर्माण में देरी हुई।
  • 3. कारीगर:मंदिर के निर्माण के लिए कुशल कारीगरों की आवश्यकता थी, जिन्हें भारत से लाया गया था।
  • 4. अनुमति: UAE में धार्मिक भवनों के निर्माण के लिए कड़े नियम और कानून हैं। BAPS संस्था को मंदिर निर्माण के लिए कई अनुमतियों की आवश्यकता थी, जिसके लिए काफी समय लगा।
  • 5. वित्त: मंदिर के निर्माण में बहुत बड़ी राशि की आवश्यकता थी। BAPS संस्था ने मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने के लिए कई तरह के अभियान चलाए।
  • 6. राजनीतिक: UAE एक मुस्लिम देश है, इसलिए मंदिर निर्माण को लेकर कुछ राजनीतिक विरोध भी हुआ।इन सभी दिक्कतों के बावजूद, BAPS संस्था ने मंदिर का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मंदिर हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए UAE में एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

यहां कुछ अन्य दिक्कतें भी थीं:

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी के निर्माण में कानूनी चुनौतियां:धार्मिक भवनों के निर्माण के लिए UAE में सख्त नियम और कानून हैं। BAPS संस्था को इन सभी नियमों का पालन करते हुए मंदिर का निर्माण करना पड़ा

  • 1):मंदिर को मस्जिद” के समान ऊंचाई नहीं होनी चाहिए थी।
  • (2):मंदिर में बाहरी मूर्तियां या प्रतीक नहीं होने चाहिए थे।
  • (3):मंदिर में गैर-मुस्लिमों को प्रार्थना करने की अनुमति होनी चाहिए थी।
  • (4):मंदिर में धार्मिक शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों की अनुमति होनी चाहिए थी।BAPS संस्था ने UAE सरकार के साथ मिलकर इन सभी चुनौतियों का समाधान किया। BAPS संस्था ने सरकार को मंदिर निर्माण के महत्व और लाभों के बारे में समझाया। BAPS संस्था ने यह भी सुनिश्चित किया कि मंदिर का निर्माण सभी कानूनों और नियमों के अनुसार किया गया है।

कुछ प्रमुख कानूनी चुनौतियां और उनका समाधान:

  • चुनौती: मंदिर को “मस्जिद” के समान ऊंचाई नहीं होनी चाहिए थी।
  • समाधान:BAPS संस्था ने मंदिर की ऊंचाई को कम किया।
  • चुनौती:मंदिर में बाहरी मूर्तियां या प्रतीक नहीं होने चाहिए थे।
  • समाधान: BAPS संस्था ने मंदिर के अंदर मूर्तियों और प्रतीकों को स्थापित किया।
  • चुनौती:मंदिर में गैर-मुस्लिमों को प्रार्थना करने की अनुमति होनी चाहिए थी।
  • समाधान:BAPS संस्था ने मंदिर को सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला रखा।
  • चुनौती: मंदिर में धार्मिक शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों की अनुमति होनी चाहिए थी।
  • समाधान: BAPS संस्था ने मंदिर में धार्मिक शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों की अनुमति प्राप्त की।

इन सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए BAPS संस्था को UAE सरकार के साथ कई दौर की वार्ता करनी पड़ी। BAPS संस्था ने सरकार को मंदिर निर्माण के महत्व और लाभों के बारे में समझाया। BAPS संस्था ने यह भी सुनिश्चित किया कि मंदिर का निर्माण सभी कानूनों और नियमों के अनुसार किया गया है।BAPS संस्था के प्रयासों से UAE में पहला हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ।यह मंदिर BAPS संस्था और UAE सरकार के बीच सहयोग का प्रतीक है। यह मंदिर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।भाषा: निर्माण कार्य में विभिन्न देशों के लोगों का योगदान था, जिसके कारण भाषा की बाधा उत्पन्न हुई।सुरक्षा: निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना भी एक बड़ी चुनौती थी।समय: मंदिर का निर्माण समय पर पूरा करने के लिए बहुत दबाव था।इन सभी दिक्कतों का सामना करते हुए BAPS संस्था ने मंदिर का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

BAPS मंदिर UAE के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए प्रमुख लोग:

Temple Committee members presenting the Temple Literature to the Prime Minister, Shri Narendra Modi and the Crown Prince of Abu Dhabi, Deputy Supreme Commander of U.A.E. Armed Forces, General Sheikh Mohammed Bin Zayed Al Nahyan, at Presidential Palace, in Abu Dhabi, United Arab Emirates on February 10, 2018.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: BAPS मंदिर UAE के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे।UAE के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम: समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।अन्य देशों के राजदूत और गणमान्य व्यक्ति: समारोह में कई देशों के राजदूत और गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए थे।BAPS संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज: BAPS संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज भी समारोह में शामिल हुए थे।विश्वभर से आए BAPS संस्था के सदस्य: समारोह में विश्वभर से आए BAPS संस्था के सदस्य भी शामिल हुए थे।UAE में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग:समारोह में UAE में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग भी शामिल हुए थे।यह अनुमान है कि उद्घाटन समारोह में लगभग 20,000 लोग शामिल हुए थे।

यहां कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोग भी शामिल थे:

  1. UAE के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान:
  2. UAE के संस्कृति और युवा मंत्री नूर बिनते मोहम्मद अल काबी:
  3. अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान:
  4. दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हम्दान बिन मोहम्मद अल मकतूम:

उद्घाटन समारोह एक भव्य आयोजन था, जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

इन सभी आमंत्रित महेमान ने इस मंदिर के बारे मे क्या विचार व्यक्त किए थे?

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी के बारे में आमंत्रित मेहमानों के विचार:

  • 1 भारत:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:मोदी ने मंदिर को “भारत और UAE के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक” बताया।विदेश मंत्री एस जयशंकर: जयशंकर ने कहा कि मंदिर “UAE में भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति” होगा।
  • 2. UAE:शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम: मकतूम ने कहा कि मंदिर “UAE में धार्मिक सहिष्णुता और बहु-सांस्कृतिकता का प्रतीक” है।शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान:नाहयान ने कहा कि मंदिर “UAE और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।”
  • 3. अन्य देश:संयुक्त राष्ट्र के महासचिव:एंटोनियो गुटेर्रेस ने कहा कि मंदिर “दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत” होगा।इन सभी आमंत्रित मेहमानों ने BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी की सराहना की।उन्होंने कहा कि यह मंदिर धार्मिक सहिष्णुता, बहु-सांस्कृतिकता और शांति का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मंदिर भारत और UAE के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।

यहाँ कुछ विशिष्ट टिप्पणियाँ दी गई हैं:

  • (1):यह मंदिर भारत और UAE के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है।”- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • (2):यह मंदिर UAE में भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति होगा।” – विदेश मंत्री एस जयशंकर
  • (3):यह मंदिर UAE में धार्मिक सहिष्णुता और बहु-सांस्कृतिकता का प्रतीक है।” – शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम
  • (4):यह मंदिर UAE और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।” – शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान
  • (5) :यह मंदिर दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।”- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेर्रेसBAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी का उदघाटन एक ऐतिहासिक घटना थी। यह मंदिर UAE में धार्मिक सहिष्णुता और बहु-सांस्कृतिकता का प्रतीक है। यह मंदिर भारत और UAE के बीच संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करेगा।

INTRESTING FACTS :

हाँ, BAPS मंदिर UAE के लिए जो जमीन (लैंड) दिया गया है वह UAE की सरकार की तरफ से भेट है।जमीन का क्षेत्रफल: 27 एकड़जमीन की कीमत: अनुमानित 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर (3600 करोड़ रुपये)जमीन दान करने का समय:2015 और यह जमीन दान करने वाला: UAE के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान है.यह पहला मौका था जब किसी मुस्लिम देश ने हिंदू मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान की थी।यह जमीन अबू धाबी में स्थित है, जो UAE की राजधानी है।यह मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।यह मंदिर न केवल हिंदुओं के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है।यह मंदिर UAE में धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है।

यहां कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें भी हैं:

UAE में कई अन्य हिंदू मंदिर भी हैं, लेकिन BAPS मंदिर सबसे बड़ा है।UAE में हिंदुओं की संख्या लगभग 30 लाख है। UAE में हिंदुओं को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।

  • BAPS मंदिर UAE में स्थापित भगवान की मूर्तियां:भगवान स्वामीनारायण:मंदिर के गर्भगृह में भगवान स्वामीनारायण की मुख्य मूर्ति स्थापित है।
  • अक्षरब्रह्म गणेश:भगवान स्वामीनारायण के दाईं ओर अक्षरब्रह्म गणेश की मूर्ति स्थापित है।गुरु हरिगोविंद: भगवान स्वामीनारायण के बाईं ओर गुरु हरिगोविंद की मूर्ति स्थापित है।
  • श्री राम दरबार:भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान और अन्य देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • शिव परिवार: भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • राधा-कृष्ण:राधा और कृष्ण की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • हनुमान: हनुमान की विशाल मूर्ति स्थापित है।

मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियां संगमरमर से बनी हैं। और इन  मूर्तियों को भारत में बनाया गया था और UAE में लाया गया था।BAPS मंदिर UAE में स्थापित मूर्तियां भारत के राजस्थान राज्य के कराडमें बनवाई गई थीं।कारखाने का नाम: BAPS कला और शिल्प निर्माण कारखानाकारखाने का स्थान:कराड, राजस्थान, भारतमूर्तियों का निर्माण:2019 में शुरू हुआऔर 2022 में पूरा हुआमर्तियों की संख्या: 100 से अधिकऔर  इनका वजन:1000 टन से अधिकयह कारखाना BAPS संस्था द्वारा संचालित है। और यह कारखाना भारत में सबसे बड़ा संगमरमर मूर्तिकला निर्माण कारखाना है कारखाना दुनिया भर के मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए मूर्तियां बनाता है।BAPS मंदिर UAE की कलाकृति नगरा शैलीसे जुड़ी हुई है।यह शैली भारत में मंदिर निर्माण की सबसे लोकप्रिय शैलियों में से एक है।

इस शैली की कुछ विशेषताएं:

  • शिखर: मंदिर का शिखर ऊँचा और नुकीला होता है।
  • गर्भगृह:गर्भगृह मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहाँ मुख्य मूर्ति स्थापित होती है।
  • मंडप: मंदिर में कई मंडप होते हैं, जो विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाते हैं।स्तंभ:मंदिर में कई स्तंभ होते हैं, जो मंदिर को सहारा देते हैं।
  • मूर्तियां: मंदिर में कई मूर्तियां होती हैं, जो हिंदू देवी-देवताओं, धार्मिक गुरुओं और ऐतिहासिक व्यक्तियों को दर्शाती हैं।

आबू धाबी में वास्तुशिल्प का चमत्कार माना जाने वाला यह मन्दिर आबू धाबी के बाहरी इलाके में 27 एकड़ रेगिस्तानी भूमि पर फैला है, और मध्य-पूर्व के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। साथ ही, यह मन्दिर सभी धर्मों के लोगों के लिये खुला है।  इस मन्दिर को बनवा रहे डेवलपर बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था, जो भारत और दुनिया भर में कई स्वामीनारायण मंदिरों के पीछे की संस्था है, ने कहा कि यह मन्दिर भारत की संस्कृति, वास्तुकला तथा मूर्तिकला के कौशल का एक प्रमाण है।  मन्दिर की यह संरचना सदियों पुराने भारतीय ग्रंथों के अनुसार नागर शैली से ही बनाई गयी है,और इसकी प्रेरणा कमल की आकृति से ली गयी है। साथ ही, इसमें 7 शिखर बनाये गये हैं जो सयुंक्त अरब अमीरात के 7 अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं।बीपीएस केनिदेशक प्रणव देसाई ने कहा: “आबू धाबी में एक हिंदू मन्दिर बनाने का हमारा सपना अब वास्तविकता बन गया है। शापूर जी पालोन जी ने रेगिस्तान में इस मन्दिर को बनाने के लिए हमारे साथ साझेदारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका है तथा यहां पर हिंदू मन्दिर बनाने का जो हमारे जीवन में यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम उसके लिए पालोन जी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम शापूर जी पालोन जी के साथ काम करने और इस अविशस्वसनिय मन्दिर को बनाने का यह अवसर पाकर खुद को बहुत सम्मानित महसूस कर रहें हैं क्योंकि यह मन्दिर हम सभी के अंदर कला सद्भाव और विश्वास को एक साथ लेकर आया है। “यह सांस्कृतिक विविधता का उत्सव होने के अलावा, हमारी इंजीनियरिंग विशेषज्ञयता का एक प्रमाण है,” शापूर जी पालोन जी ग्रुप के चेयरमैन पी मिस्त्री ने कहा। 700 करोड़ की लागत से बना है ये अबू धाबी का हिंदू मन्दिर एक सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बीएपीएस ने दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप बनाया है। अबूधाबी में बने इस मंदिर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में बनाया गया है।मंदिर के लिए जमीन UAE की सरकार ने दान में दी है। इस मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम फरवरी १४ सुबह शुरू हुआ था। पीएम मोदी ने शाम को इस भव्य मंदिर के उद्घाटन किया। अपनी वास्तुकला के लिए भी यह मंदिर पूरी दुनिया में एक अलग पहचान रखेगा। मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों को दर्शाया गया है। इसके साथ ही माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी इस मंदिर परिसर में दर्शाया गया है। इस मंदिर में ‘शांति का गुंबद’ और ‘सौहार्द का गुंबद’ भी बनाया गया।

INTERESTING FACTS:

27 एकड़ में फैले हुए इस विशाल मंदिर में 7 शिखर या मीनारें हैं जो कि UAE के 7 अमीरातों को इंगित करती हैं। इन सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं। ये मीनारें विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के परस्पर संबंध को रेखांकित कर रही हैं।माना जा रहा है कि कुल 108 फीट ऊंचा यह मंदिर UAE में विभिन्न समुदायों के सांस्कृतिक मेल-मिलाप को बढ़ावा देगा। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस भव्य हिंदू मंदिर के निर्माण में करीब चार वर्ष का समय लगा है।

मन्दिर में मौजूद सुविधाएं:

शापूर जी पालोन जी ने बताया मन्दिर में प्राचीन भारतीय वस्तुकला की पारंपरिक अवश्यकताओं के साथ सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और एयर कंडिशनिंग जैसी पर सफ़लता पूर्वक काम किया गया है।बताया जाता है मंदिर परिसर में 15,000 से अधिक आगंतुकों की सेवा के लिये 7 सहायक इमारतें बनाई गयी हैं तथा इसमें विशिष्ट जल विशेषताएँ हैं जो तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का प्रतिनिधित्व करती है। मुख्य मन्दिर का निर्माण संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े गैर प्रबलित फ्लाई ऐश कंक्रीट का उपयोग करके एक नींव को बनाया गया है तथा यहां पर लोहे और स्टील की छड़ों के स्थान पर बांस की छड़े और ग्लास फाइबर का उपयोग किया गया है।

मन्दिर में लगाए गये पत्थरों की विशेषता:

मन्दिर के अग्रभाग की नींव जो बनाई गयी हैं, उसमें इटली से 40,000 स्क्वायर मीटर संगमरमर और राजस्थान से 1,80,000 स्क्वायर मीटर लाये गए गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। बताया जाता है बीएपबीएपीएस के लिये राजस्थान में हजारों कारीगरों और स्वयंसेवकों ने पत्थरों पर बारीकी से नक्काशी की, फिर इसके बाद इन्हें अबू धाबी में एक विशाल जिग- सा की तरह एक साथ रखा गया।बताया जाता है कि 159 साल पुराने शापूर जी पालोन जी ग्रुप ने दुनिया भर में कई ऐतिहासिक स्थल बनाये हैं, जो लगभग 50 वर्षों से मध्य पूर्व में मौजूद हैं, जिसकी शुरुआत 1975 में मस्कट के सुल्तान पैलेस से हुई थी। बताया जाता है की हाल ही के समय में भारत में इस कंपनी की कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट लांच हुए हैं, जिनमे नई दिल्ली में भारत मंडपम और कर्तव्य पथ, पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डा है और हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग शामिल हैं।

इस मंदिर में कोन कोन से त्योहार मनाए जाएंगे?

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी में मनाए जाने वाले त्योहार:BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी में हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें से कुछ प्रमुख त्यमें शशामिल हैं:

  • 1. दीपावली: दीपावली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार पर मंदिर को दीयों और रंगों से सजाया जाता है। भक्त दीप जलाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
  • 2. होली:होली रंगों का त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस त्योहार पर लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
  • 3. नवरात्रि:नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा का नौ दिवसीय त्योहार है। इस त्योहार पर भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। मंदिर में विशेष पूजा और भजन आयोजित किए जाते हैं।
  • 4. राम नवमी:राम नवमी भगवान राम के जन्म का त्योहार है। इस त्योहार पर मंदिर में विशेष पूजा और भजन आयोजित किए जाते हैं।
  • 5. कृष्ण जन्माष्टमी:कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का त्योहार है। इस त्योहार पर मंदिर में विशेष पूजा और भजन आयोजित किए जाते हैं।
  • 6. गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्म का त्योहार है। इस त्योहार पर मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है और विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
  • 7. शिवरात्रि:शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा का त्योहार है। इस त्योहार पर भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।
  • 8. गुरु पूर्णिमा:गुरु पूर्णिमा गुरुओं की पूजा का त्योहार है। इस त्योहार पर भक्त अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

इन त्योहारों के अलावा, मंदिर में अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जैसे कि:प्रतिदिन आरती:मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम को आरती आयोजित की जाएगी।धार्मिक प्रवचन: मंदिर में धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाएंगे।भजन और संगीत:मंदिर में भजन और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी UAE में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन जाएगा। यह मंदिर लोगों को प्रार्थना, भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा। यह मंदिर हिंदू धर्म के मूल्यों और संस्कृति को UAE में स्थापित करने में मदद करेगा।

क्या इस मंदिर में इफ्तार की भोज रखा गया था ?

हाँ, BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबीमें इफ्तार की भोजका आयोजन किया गया था। यह आयोजन 2024में रमज़ान के दौरान हुआ था।यह आयोजन “Omsiyyat”नामक एक सांस्कृतिक शाम का हिस्सा था, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाया गया था। इसमें आध्यात्मिक चर्चा, विचार-विमर्श और सामुदायिक जुड़ाव शामिल थे।BAPS स्वामीनारायण संस्था द्वारा आयोजित इस इफ्तार की भोज में विभिन्न प्रकार के व्यंजनपरोसे गए थे, यह आयोजन सद्भाव और शांति का प्रतीक था, और इसने विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच सहयोग और समझको बढ़ावा दिया।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि BAPS स्वामीनारायण संस्था’सभी धर्मों का सम्मान करती है और सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा देती है।

यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

2024 (रमज़ान के दौरान),समय: शाम,स्थान:BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी,आयोजक:BAPS स्वामीनारायण संस्था,कार्यक्रम:Omsiyyat – सांस्कृतिक शाम,भोजन:विभिन्न प्रकार के व्यंजन (शाकाहारी भोजन) ,उद्देश्य:सद्भाव, शांति, सहयोग और समझ को बढ़ावा देना.यह आयोजन UAE में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी में आयोजित इफ्तार की भोज में शामिल हुए लोग:

  • 1. धार्मिक नेता:BAPS स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख:प्रमुख स्वामी महाराजअन्य धर्मों के प्रमुख धार्मिक नेता:ईसाई, मुस्लिम, सिख, और अन्य धर्मों के प्रमुख धार्मिक नेता
  • 2. UAE सरकार के अधिकारी:संस्कृति और पर्यटन मंत्री: शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयानअन्य सरकारी अधिकारी:विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी
  • 3.राजनयिक:भारत के राजदूत: पवन Kapoorअन्य देशों के राजदूत:विभिन्न देशों के राजदूत
  • 4. सामाजिक कार्यकर्ता:UAE में रहने वाले विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता: शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता
  • 5. आम लोग:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक अनुमानित सूची है। इफ्तार की भोज में शामिल लोगों की संख्या निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है।यह आयोजन UAE में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।यह आयोजन सद्भाव, शांति, सहयोग और समझ का प्रतीक था।

यहां आने वाले दर्शनार्थियों और पर्यटकों के लिए क्या किया सुविधाए उपलब्ध है और क्या क्या नियम है ?

BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी में दर्शनार्थियों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं और नियम:

सुविधाएं:

पार्किंग: मंदिर के पास निःशुल्क पार्किंग उपलब्ध है।जूते रखने की जगह:मंदिर में जूते रखने की जगह उपलब्ध है।दर्शन:मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं है।प्रसाद:मंदिर में प्रसाद उपलब्ध है।भोजन: मंदिर में एक भोजनालय है जहाँ शाकाहारी भोजन उपलब्ध है।पानी:मंदिर में पीने के पानी की व्यवस्था है।शौचालय: मंदिर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।सूचना केंद्र: मंदिर में एक सूचना केंद्र है जहाँ दर्शनार्थियों और पर्यटकों को मंदिर और आसपास के क्षेत्रके बारे में जानकारी मिल सकती है।

नियम:

पहनावा:मंदिर में प्रवेश करते समय पुरुषों को धोती या कुर्ता-पायजामा और महिलाओं को साड़ी या सलवार-कमीज पहनना अनिवार्य है।व्यवहार:मंदिर में शांति और पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।फोटोग्राफी: मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन कुछ प्रतिबंधित क्षेत्र हैं।भोजन:मंदिर में केवल शाकाहारी भोजन की अनुमति है।धूम्रपान:मंदिर में धूम्रपान की अनुमति नहीं है।पशु: मंदिर में पालतू जानवरों को लाने की अनुमति नहीं है।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये नियम और सुविधाएं समय के साथ बदल सकती हैं।दर्शनार्थियों और पर्यटकों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले नवीनतम जानकारी के लिए सूचना केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

दर्शन का समय:सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक,भोजनालय का समय:दोपहर 12:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक,सूचना केंद्र का समय:सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक.

इस मंदिर के भोजनालय में भोजन करने के लिए पैसे लगते हैं?

हाँ, BAPS स्वामीनारायण मंदिर, अबू धाबी में भोजनालय में भोजन करने के लिए पैसे लगते हैं। भोजनालय में भोजन का शुल्क बहुत ही उचित है, और यह सभी के लिए सस्तीहै।

  • (1):भोजन का प्रकार:शाकाहारी भोजन
  • (2):भोजन का समय:दोपहर 12:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक
  • (3):भोजन का शुल्क:AED 10-20 प्रति व्यक्ति (भोजन के प्रकार पर निर्भर करता है)
  • (4):भुगतान का तरीका:नकद या क्रेडिट कार्ड.भोजनालय में विभिन्न प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • थाली:थाली में चावल, रोटी, दाल, सब्जी, और मिठाई शामिल होती है।स्नैक्स:स्नैक्स में समोसे, कचौड़ी, और पकौड़े शामिल हैं।पेय पदार्थ: पेय पदार्थों में चाय, कॉफी, और जूस शामिल हैं।

भोजनालय में बैठने की जगह भी उपलब्ध है। यदि आप भोजनालय में भोजन नहीं करना चाहते हैं, तो आप मंदिर के बाहर भी भोजन कर सकते हैं।मंदिर में बने भोजनालय को “प्रसाद भोजनालय”से सम्बोधित करते हैंइस भोजनालय में एक साथ 100 लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं.

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